कंप्यूटर ग्राफिक्स में हिंदी में एनीमेशन
कंप्यूटर ग्राफ़िक्स क्या है एवं इसके प्रकार3D transformation को पढ़िए
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एनीमेशन क्या है
Animation का मतलब है- computer graphics में किसी object को life देना. इसके द्वारा objects को energy और emotions दिए जाते है.दूसरे शब्दों में कहें तो, “एनीमेशन designing तथा drawing की एक प्रक्रिया है. इसमें images को manipulate किया जाता है जिससे कि वो screen पर move करते हुए दिखायी दें.”
computer animation दो प्रकार के होते है :- 2 dimensional (2D) animation और 3 dimensional (3D) animation.
वह person जो एनीमेशन को create करता है उसे animator कहते है. animator बहुत सारी images को capture करता है और उसके बाद अपनी इच्छानुसार एक sequence में इन images को animate करता है.
तकनीकी एनीमेशन
animators ने बहुत सारी एनीमेशन तकनीकों को खोजा है और वे इनका प्रयोग करते है. सामन्यतया एनीमेशन की 5 techniques होती है जिनके बारें में नीचे बताया गया है:-पारंपरिक एनीमेशन (फ्रेम द्वारा फ्रेम)
परम्परागत रूप से (traditionally), ज्यादातर एनीमेशन को हाथ से ही पूरा किया जाता था. एनीमेशन में जितने भी frames होते थे उन सभी को हाथ से ही draw किया जाता था. चूँकि animation के प्रत्येक second के लिए 24 frames की जरूरत होती थी. इसलिए छोटी movie को बनाने में भी बहुत सारा time लग जाता था.प्रक्रियात्मक
procedural animation में, objects को एक procedure (प्रक्रिया) के द्वारा animate किया जाता है. Procedure मतलब- set of rules.Animator नियमों को specify करता है. ये rules, गणितीय rules होते है.
व्यवहार
behavioral animation में, character अपने खुद के actions को निर्धारित करता है. जिससे character को सुधार करने की क्षमता मिलती है. और animator को character की प्रत्येक detail को specify नही करना पड़ता.प्रदर्शन आधारित (मोशन कैप्चर)
Motion capture तकनीक में, magnetic या vision पर आधारित sensors, इंसानों और animal object के actions को 3D में record करते है. उसके बाद कंप्यूटर इस data का प्रयोग object को animate करने में करता है.sports video games में इस तकनीक का प्रयोग athelets के action को animate करने के लिए किया जाता है. motion capture तकनीक बहुत ही ज्यादा famous है क्योंकि इसके द्वारा हम human actions को बहुत ही आसानी से animate कर पाते है. परन्तु इस तकनीक में कुछ खामियां भी है. जैसे इसके द्वारा हम कभी कभी object के shape या dimensions को perfectly execute नहीं कर पाते है.
शारीरिक रूप से आधारित (गतिशीलता)
इस तकनीक में physics के नियमों का प्रयोग images या objects के motion को generate करने के लिए किया जाता है. इसका प्रयोग ज्यादातर video games और movies में किया जाता है.मुख्य फ्रेम क्या है
keyframe एक frame होता है जहाँ हम animation में होने वाले changes को define करते है. जब हम frame by frame animation को create करते है तो प्रत्येक frame एक keyframe होता है.जब कोई 3D animation को कंप्यूटर पर create करता है तो वे सामन्यतया object की exact position को specify नहीं करते है बल्कि वे keyframe को create करते है.
दुसरें शब्दों में कहें तो, “keyframe एक location होती है जहाँ एनीमेशन में होने वाले बदलावों को रखा जाता है.”
keyframes बहुत ही जरुरी frames होते है क्योंकि ये object के size, direction, shape तथा अन्य properties में बदलाव को store करते है. इसके बाद computer इन frames को solve करता है जिससे animator का बहुत अधिक समय बच जाता है.
नीचे दिए गये चित्र में user के द्वारा draw किये गये frame और कंप्यूटर के द्वारा generate किये गये frame को दिखाया गया है.
key framing by user animation
keyframing by user
keyframing by computer
keyframing by computer
Morphing in hindi
एक object के shape का दूसरे shape में transformation ही morphing कहलाता है. यह सबसे ज्यादा complicated transformation होता है. morphing का प्रयोग images या videos में special effects डालने के लिए किया जाता है.
morphing की प्रक्रिया में source image को धीरे-धीरे गायब किया जाता है और जो target image होती है उसे produce किया जाता है.
raster scan और random scan display को पढ़िए
2D transformation को पढ़िए
advantage of animation in hindi (एनीमेशन के फायदे)
इसके फायदे निम्नलिखित है:-
1:- इसका प्रयोग करने से viewers ज्यादा अच्छी तरह समझ पाते है.
2:- एनीमेशन को देखने में मजा आता है.
3:- educational games तथा quiz के द्वारा student अच्छी प्रकार learn कर पाते है.
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