कम्प्यूटर के इनपुट और आउटपुट डिवाइस के उदाहरण
हार्ड डिस्क (Hard disk)
एक
हार्ड डिस्क भी
फ्लॉपी डिस्क की तरह
ही होती है
परंतु आकार में
फ्लॉपी डिस्क से बड़ी
तथा भंडारण क्षमता
में सैकड़ो गुना
बड़ी होती है
हार्ड डिस्क में
डाटा लिखने और
पढ़ने की गति
बहुत ज्यादा होती
है हार्ड इसकी
संचय क्षमता को
मेगाबाइट या जीगाबाइट
में मापते हैं
हार्ड ड्राइव को
सामान्यत: ड्राइव सी कहा
जाता है हार्ड
अधिकतर कंप्यूटर के अंदर
होती है
माउस (Mouse)
माउस
हाथ में पकड़ा
जाने वाला एक
ऐसा साधन (Device)
है, जिसके द्वारा
हम बिना की-बोर्ड के इस्तेमाल
के कम्प्यूटर को
नियंत्रण कर सकते
हैं यह एक
लंबे तार (Cable)
के द्वारा सिस्टम
यूनिट (System Unit) से
जुड़ा होता है
माउस
एक समतल सतह
जिसे माउस पैड
(Mouse Pad) कहते हैं,
पर हाथ से
पकड़कर खिसकाया जाता है
इसकी निचली सतह
पर एक रबर
की गेंद (Ball)
होती है जो
सभी ओर घूमती
है और इसके
ऊपरी सतह पर
दो बटन होते
हैं ज्यादातर हम
इसके बांई और
वाले बटन का
प्रयोग करते हैं
परंतु कुछ प्रोग्रामों
में दाएं बटन
का भी प्रयोग
किया जाता है
अलग-अलग प्रोग्रामों
के अनुसार माउस
का बटन दबाकर
तथा उसे पैड़
(Pad) पर
चला कर हम
स्क्रीन पर प्रदर्शित
परिणामों को प्रभावित
कर सकते हैं
माउस कर्सर (Mouse
Cursor) सामान्यत: एक तीर (↑)
का निशान होता
है, जो स्क्रीन
पर माउस के
निर्देशानुसार चलता है
माउस का प्रयोग
अधिकतर डेस्क-टॉप प्रकाशन
(Desk-Top-Publishing: D.T.P.) जैसे कार्यों
में किया जाता
है
फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
डाटा
को स्टोर करने
के लिए कंप्यूटरों
में डिस्क का
प्रयोग किया जाता
है डेस्क पर
संचित किए गए
डाटा को किलोबाइट
या मेगाबाइट में
मापा जाता है
ज्यादातर कंप्यूटरों में डाटा
को सुरक्षित रखने
के लिए फ्लोपियो
का इस्तेमाल किया
जाता है यह
डाटा को लाने
या ले जाने
तथा रोजाना के
काम के लिए
एक सस्ता तथा
सरल साधन है
फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) देखने में वर्गाकार तथा दो आकारों (Sizes) की होती है -
(1) 51/4 इंच तथा (2) 31/2 इंच
फ्लॉपी
डिस्क की संचय
संता मेगाबाइट में
मापी जाती है
51/4 इंच वाले
फ्लॉपी डिस्क की संचय
क्षमता 1.2 MB तथा 31/2 इंच वाले
की 1.44 एमबी होती
है फ्लॉपी
पर काम करने
के लिए एक
फ्लॉपी डिस्क ड्राइव की
जरूरत होती है
इस ड्राइव में
फ्लॉपी को उस
तरह लगा दिया
जाता है जैसे
कैसेट प्लेयर में
कैसेट लगाए जाते
हैं फ्लॉपी डिस्क
ड्राइव को सामान्यता
ड्राइव A' कहा जाता
है
कॉम्पैक्ट डिस्क (Compact Disk: C.D.)
यह
एक विशेष प्रकार
की डिस्क होती
है जिन पर
डाटा प्राय: एक
ही बार लिखा
जाता है और
फिर उसे कितनी
बार भी पढ़
सकते हैं इनमें
प्राय: डाटा को
संचय करके रखा
जाता है जो
स्थाई प्रकृति के
हैं इन पर
डाटा लिखने के
लिए लेसर (Light Amplification by Stimulated Emission of
Radiation : Laser) तकनीक का प्रयोग
किया जाता है
इसलिए इन्हें ऑप्टिकल
डिस्क (Optical Disk) भी
कहा जाता है
आज ऐसी कंपैक्ट
डिस्क भी उपलब्ध
है जिन पर
साधारण फ्लॉपी की तरह
डाटा पढ़ा लिखा
जा सकता है
प्रिंटर (Printer)
पेंटर
एक ऐसा साधन
है जो कंप्यूटर
में बने डाटा
को कागज पर
प्रिंट करता है
प्रिंटर की गति
को हम प्रश्न
मिनट (Page/Minute) या अक्षर सेकंड
(Characters/Second) में नापते
हैं
प्रिंटर मुख्य
रूप
से
4 तरह
के
होते
हैं
:-
1. डॉट
मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer)
2. लाइन
प्रिंटर (Line Printer)
3. इंकजेट
प्रिंटर Imk Jet Printer)
4. लेजर
प्रिंटर (Laser Printer)
स्कैनर (Scanner)
स्केनर
एक ऐसा साधन
है जो टाइप
की हुई या
लिखित जानकारी को, ग्राफ
को, आकृति को
फोटोग्राफी के प्रतिबिम्ब
को सीधा कंप्यूटर
में भेजता है
जहां उस पर
विभिन्न क्रियाएं की जा
सकती है यह
एक फोटो कॉपी
मशीन की तरह
कार्य करता है
जिस तरह किसी
दस्तावेज की फोटोकॉपी
मशीन से फोटो
कॉपी निकाली जाती
है, उसी तरह
स्केनर से उसकी
इमेज (Image) को कंप्यूटर में भेजा
जाता है
स्केनर चार प्रकार के होते हैं :-
1. हाथ
से पकड़े जाने
वाले स्केनर (Handhold Scanner)
2. संताली
एस्केनर (Flatbed Scanner)
3. त्रिआयामी
स्केनर (3-Dimentional
Scanner)
4. फिल्म
स्केनर (Film Scanner)
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