कंप्यूटर के आंतरिक और आगे और पीछे के भाग ! - Computer World

Sunday, 19 January 2020

कंप्यूटर के आंतरिक और आगे और पीछे के भाग !

कंप्यूटर का सामने का भाग (Front side of the Computer)

1. पावर स्विच (Power Switch) - सामान्यतः पर्सनल कम्प्यूटरों में सामने की ओर बिजली का ऑन/ऑफ (on/off) स्विच होता है। कभी-कभी वह स्विच कम्प्यूटर की एक साइड में या पीछे की ओर भी लगा होता है ।

2. रिसेट बटन (Reset Button) - बिजली के बिना सम्पर्क तोड़े, इस बटन द्वारा हम अपने कम्प्यूटर को दोबारा चालू कर सकते हैं । यह बटन दबाने से जो काम हम अब तक कर चुके हैं, वे सभी समाप्त हो जाते हैं।

3. टर्बो बटन (Turbo Button) - यदि हमारे कम्प्यूटर में टर्बो बटन है, तो इसे दबाने पर कम्प्यूटर सबसे तेज गति से काम करता है। सामान्यतः टर्बो बटन को ऑन (on) ही रखा जाता है ताकि कम्प्यूटर तीव्रतम गति से काम करे।

4. सुरक्षा ताला (Safety Lock) - यह एक प्रकार का ताला है, जिसे चाबी द्वारा खोला या बन्द किया जा सकता है। यदि यह ताला बन्द हो, तो की-बोर्ड (Key-Board) काम नहीं करेगा ।

5. लाइट्स (Lights) - कम्प्यूटर के सामने के पैनल पर विभिन्न रंगों की लाइटें भी हो सकती हैं। इसमें पावर (Power) और टर्बों सिग्नल की लाइटें तथा हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क तथा कॉम्पैक्ट डिस्क की लाइटें होती हैं ।

6. फ्लॉपी डिस्क ड्राइव (Floppy Disk Drive) - हमारे कम्प्यूटर में 5%»" या 3%" या दोनों तरह की फ्लॉपी डिस्क ड्राइव हो सकती हैं। फ्लॉपी में डाटा भरने या उन्हें स्क्रीन पर लाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है । प्रत्येक ड्राइव के लिए कम्प्यूटर जिसमें फ्लॉपी को डाटा पढ़ने था लिखने के लिए अन्दर डाला जाता है। के सामने के भाग में एक खाँचा (Slot) होता है,

7. कॉम्पैक्ट डिस्क रोम ड्राइव (Compact Disk-ROM Drive of CD-ROM Drive) - सी.डी. रोम ड्राइव डिस्क ड्राइव की तरह ही होता है। सी.डी. में डाटा भरने या उन्हें स्क्रीन पर लाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

कम्प्यूटर का पीछे का भाग (Back Side of the Computer)

पर्सनल  कम्प्यूटर के सिस्टम यूनिट का आकार जो भी हो, उसके पिछले वाले भाग में निम्नलिखित चीजें जरूर होती हैं-

1. पावर इन / पावर आउट सॉकेट (Power In/Out Socket) - मुख्य लाइन या यू.पी.एस. (U.P.S.) से कम्प्यूटर में लाइन पावर-इन सॉकेट के द्वारा अन्दर ले जाया जाता है तथा पावर-आउट सॉकेट के द्वारा बिजली के सिस्टम यूनिट से मॉनीटर (Monitor) में ले जाया जाता है।

2. सीरियल पोर्ट्स (Serial Ports) - इनके द्वारा कम्प्यूटर का माउस (Mouse) या मॉडेम (Modem) से सम्बन्ध स्थापित किया जाता है। अधिकतर पर्सनल कम्प्यूटरों में दो सीरियल पोर्ट होते है |

3. वीडियो/मॉनीटर पोर्ट (Video/Monitor Port) - मॉनीटर से एक केवल इस पोर्ट तक जाती है तथा जिन सूचनाओं को प्रदर्शित करना है, उन्हें मॉनीटर तक ले जाती है।

4. पैरलल पोर्ट (Parallel Port) - इस पोर्ट को सामान्यतः कम्प्यूटर का प्रिंटर आदि से सम्बन्ध स्थापित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

5. की-बोर्ड पोर्ट (Key Board Port) - कम्प्यूटर के की-बोर्ड (Key Board) से एक केवल (Cable) की-बोर्ड पोर्ट तक जाती है और उसको कम्प्यूटर से जोड़ती है।

6. फेन हाउसिंग (Fan Housing) - कम्प्यूटर में लगे इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे गर्म होकर काफी गर्मी पैदा करते हैं। इस गर्मी को टूर करने के लिए एक पंखा होता है।

7. एक्सपेंशन कार्ड्स के स्लॉट्स (Expansion Slots ) - एक्सपैंशन स्लॉट्स में कार्डों को प्लग किया जाता है।

8. यू.एस.बी. पोर्ट (USB Port) - यू.एस.बी. पोर्ट में प्रिंटर, स्कैनर तथा कैमरा आदि के केबल (Cable) को जोड़ा जाता है । सीरियल पोर्ट होते हैं।

कम्प्यूटर का आंतरिक भाग (Inside of the Computer)

पर्सनल कम्प्यूटर से सिस्टम यूनिट में हमारे प्रोग्रामों का पालन करने वाले कई छोटे-छोटे पूर्जे लगे होते हैं। अलग-अलग पर्सनल कम्प्यूटर में पुजों का स्थान अलग-अलग हो सकता है।

सिस्टम यूनिट में निम्नलिखित प्रमुख घटक (Component) हो सकते है-

   1. मदर बोर्ड (Mother Bourd) - पर्सनल कम्प्यूटर के सभी घटक (Components) एक फाइबर ग्लास से बने बोर्ड पर लगे होते हैं। इसे मदर बोर्ड (Mother Board) या सिस्टम बोर्ड (System Board) कहते हैं। इस बोर्ड पर बनी धातु की पतली रेखाएँ एक घटक (Component) की  पीनो को, दूसरे घटक (Component) की पिनों से सम्पर्क स्थापित करती हैं। इसी से कंप्यूटर के इलेक्ट्रॉनिक सरकिट्स का निर्माण होता है।

2. माइक्रोप्रोसेसर या सेप्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या सी.पी.यू. (Micro-प्रोसेसर or Central Processing Unit or C.P.U.) - माइक्रोप्रोसेसर या सी.पी.यू. कम्प्यूटर को दिए गए सभी प्रोग्रामों को चलाता है।

3. रैम चिप्स (RAM Chips) - जब किसी कम्प्यूटर पर कोई प्रोग्राम चल रहा होता है, उस समय उस प्रोग्राम के निर्देशों और उनसे सम्बन्धित डाटा को रैम (RAM : Random Access Memory) में सुरक्षित रखा जाता है, ताकि
सी.पी.यू. (C.P.U.) अपना कार्य अधिक गति से कर सके। जब कम्प्यूटर को बन्द किया जाता है, तो रैम में मौजूद सारे डाटा समाप्त हो जाते हैं।

4. रोम चिप्स (ROM Chips) - रोम (ROM : Read Only Memory) चिप्स में ऐसे प्रोग्राम और डाटा रखे जाते हैं, जो पर्सनल कम्प्यूटर की बिजली चालू करते समय ही चलाए जाते हैं। विद्युत सप्लाई बन्द करने पर भी इनमें भरा डाटा या प्रोग्राम खत्म नहीं होते हैं।

5. एम्प्टी रैम चिप स्लॉट्स (Empty RAM Chip Slots) - रैम चिप या मॉड्यूल लगाकर इन स्लॉटों द्वारा कम्प्यूटर की मैमोरी (Memory) का विस्तार किया जाता है।

6. सी.पी.यू. सपोर्ट चिप्स (CUP Support Chips) - सी. पी.यू. सपोर्ट चिप्स कम्प्यूटर कम्पोनेंट्स के नियन्त्रण के लिए सी.पी.यू. (C.P.U.) की सहायता करते हैं।

7. मैथ्स को-प्रोसेसर (Maths Co-Processor) - मेथ्य को-प्रोसेसर सी. पी.यू. को गणितीय समस्याओं का शीघ्र समाधान करने

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