कम्प्यूटर के प्रकार (Types of Computer)
कम्प्यूटर को उनके 'आकार' एवं 'कार्य-पद्धति' के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
1. आकार के आधार पर वर्गीकरण
माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer) - माइक्रो कम्प्यूटर सबसे छोटे आकार के कम्प्यूटर हैं। टेलीविजन के आकार के अंदर कैथोड-रे ट्यूब, पिक्चर ट्यूब और माइक्रोप्रोसेसर चिप को लगाकर एवं टाइपराइटर के समान की-बोर्ड (Key Board) लगाकर बनाए गए कम्प्यूटर को माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer) कहते हैं। माइक्रो कम्प्यूटर की क्षमता एक लाख अनुदेश प्रति सेकण्ड के बराबर होती है। छोटे आकार तथा कम लागत के कारण माइक्रो कम्प्यूटर ही विश्व में सबसे अधिक लोकप्रिय हैं।
माइक्रो कम्प्यूटर चार प्रकार के होते हैं—
(क) पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer)
(ख) एजुकेशनल कम्प्यूटर (Educational Computer)
(ग) होम कम्प्यूटर (Home Computer)
(घ) ब्रीफकेस या लैप-टॉप कम्प्यूटर (Lap-Top Computer)
(क) पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer) -
पर्सनल कम्प्यूटर आज सर्वाधिक लोकप्रिय है। इसका सबसे बड़ा कारण है ये आकार में छोटे होते हुए भी अनेक विविधताओं से भरे कार्य करने में सक्षम होते हैं। पर्सनल कम्प्यूटरों को लोकप्रिय बनाने का श्रेय मुख्यतः अमेरिका की विशाल कम्प्यूटर कम्पनी आई.बी.एम. (IL.B.M.) को जाता है।
क्षमता के अनुसार पर्सनल कम्प्यूटरों को तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
(i) साधारण पर्सनल कम्प्यूटर (Simple Personal Computer : P.C.)
(ii) पर्सनल कम्प्यूटर-एक्सटेंडेट टेक्नोलॉजी (Personal Computer Extended Technology)
(iii) पर्सनल कम्प्यूटर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी(Pers onal Computer Advanced Technoloty)
साधारण पी.सी. कम क्षमता वाले पसेनल कम्प्यूटर हैं तथा इन पर बहुत कम साफ्टवेयर चलाए जाते हैं। पी.सी.-एक्स.टी. पर साधारण पी.सी. की अपेक्षा अधिक सॉफ्टवेयर चलाए जा सकते हैं तथा यह छोटे व्यापारियों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम होते हैं। पी.सी.-ए.टी. की क्षमता पी.सी.-एक्स.टी. से भी अधिक होती है।
सामान्यतः साधारण पी.सी. में और पी. सी.-एक्स.टी. में 640 किलोबाइट तथा पी.सी.-ए.टी. में 1 से 4 मेगाबाइट का रैम (Randon Access Memory : RAM) पाया जाता है। आजकल नई श्रेणी के पी.सी. अधिक प्रचलन में हैं, जिन्हें पेंटियम (Pentium) कहा जाता है।
ख) एजुकेशनल कम्प्यूटर (Educational Computer) - एजुकेशनल कम्प्यूटर का उपयोग क्षणिक कार्यक्रमों के लिए किया जाता है ।
( ग) होम कम्प्यूटर (Home Computer) होम कमप्यूटर का उपयोग निजी कार्यक्रमों के लिए किया जाता है ।
(घ) ब्रीफकेस या लैप-रॉप कम्प्यूटर (Lap-Top Computer)
(i) लेप-रॉप कम्प्यूटर (I.ap-Top Computer) - लैप-टॉप कम्प्यूटर का आकार एक ब्रीफकेस के समान होता है। इसका उपयोग बड़े उद्योगपति अथवा बड़े उद्योगों के उच्च पदाधिकारी करते हैं, ताकि वे यात्रा के दौरान या कार्यालय से दूर कामकाज सुगमतापूर्वक निपटा सकें।
(ii) मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) - मिनी कम्प्यूटर की क्षमता माइक्रो कम्प्यूटर से कुछ अधिक होती है। मिनी कम्प्यूटर के उत्पादन की शुरुआत डिजिटल एक्युपमेट कॉपरेशन (Digital Equipment Corporation) ने की। इसकी एक मुख्य विशेषता है कि एक साथ कई व्यक्ति इसका उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए इसमें मल्टीटर्मिनल टाइम शेयरिंग (Multi Terminal Time Sharing) युक्ति का उपयोग किया जाता है। यह कम्प्यूटर माइक्रो-कम्प्यूटर से लगभग 5 से 50 गुना अधिक शीघ्रता से कार्य करता है। इसके द्वारा 5 लाख से 50 लाख अनुदेश प्रति सेकण्ड प्रतिपादित किए जा सकते हैं। इसकी डाटा ट्रान्सफर रेट रहते हुए भी अपने (Data Transker Rate) 40 लाख बाइट/प्रति सेकण्ड होती है।
(iii) सुपर मिनी कम्प्यूटर (Super Mini Computer) - उन मिनी कम्प्यूटरों को जिनमें सुपर चिप (Super Chip) 80386 काप्रयोग कर अतिशक्तिशाली बना दिया गया है, सुपर मिनी कम्प्यूटर (Super Mini Computer) कहा जाता है ।
(iv) मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) - आकार और क्षमता की दृष्टि से मेनफ्रेम कम्प्यूटर माइक्रो और मिनी कम्प्यूटर से बड़े होते हैं। मिनी कम्प्यूटर की तरह मेनफ्रेम कम्प्यूटर पर भी एक साथ अनेक व्यक्ति कार्य कर सकते हैं। इसमें मल्टी टर्मिनल युक्ति का व्यवहार किया जाता है। साधारणतया इसका उपयोग औद्योगिक-व्यापारिक प्रतिष्ठानों, अन्तरिक्ष, रेल, वायुयानों आदि कार्यों के लिए किया जाता है।
(v) सुपर कम्प्यूटर (Super Computer) - वे कम्प्यूटर जो 500 एम. फ्लॉप की क्षमता से कार्य कर सकते हैं, सुपर कम्प्यूटर (Super Computer) कहलाते हैं। इसका उपयोग वैज्ञानिक, अन्तरिक्ष, गोणितीय ओर अमियान्त्रिकी इत्यादि की उृहद स्तर की समस्याओं मुलझान में किया जाता है।
2. कार्य-पद्धति के आधार पर वर्गीकरण
1. अंकीय कम्प्यूटर (Digital Computer) -रोजमर्रा की भाषा में जब हम कम्प्यूटर शब्द का उच्चारण करते हैं, तो उसका सीधा अर्थ अंकीय कम्प्यूटर (Digital Computer) से है। ये कम्प्यूटर सभी प्रकार की सूचनाओं को द्विआधारी पद्धति (Binary Method) में बदलकर अपना कार्य करते हैं। ये सभी प्रकार की गणनाएँ गिनकर करते हैं । यह प्रति सेकण्ड लाखों-करोड़ों गणनाएँ कर सकते हैं। इसकी गणना अत्यन्त शुद्ध होती है।
इसमें किसी भी प्रकार की संक्रियाएँ की जा सकती हैं। अंकीय कम्प्यूटरअभिलक्षण
(क) शत-प्रतिशत शुद्धता एवं यथार्थता ।
(ख) सर्वोन्मुखता एवं व्यापकता।
(ग) लघु आकार, कम वजन और कम कीमत।
2. अनुरूप कम्प्यूटर (Analogue Computer) - एनालॉग एक ग्रीक शब्द है, जिसका अर्थ है दो राशियों में अनुरूपता खोजना। अनुरूप कम्प्यूटर से किसी भौतिक विधि या राशि को इलेक्ट्रॉनिक परिपथों की सहायता से विद्युत् संकेतों में अनुरूपित किया जाता है। जिस प्रकार अंकीय कम्प्यूटर राशियों को गिनकर कार्य करता है, उसी प्रकार अनुरूप कम्प्यूटर मापकर या नापकर अपना कार्य करता है।
3. संकर कम्प्यूटर (Hybrid Computer) - इसमें अंकीय एवं अनुरूप दोनों कम्प्यूटरों की विशेषताओं का फायदा उठाया जाता है। इसका उपयोग स्वचालित उपकरणों में बहुतायत से किया जाता है। संकर कम्प्यूटर का प्रयोग एक सहायक कम्प्यूटर के रूप में किया जाता है, जो कि मुख्य यन्त्र के किसी भी हिस्से में छिपाकर लगा दिया जाता है। रोबोट की नियन्त्रण विधि में इस प्रकार के कम्प्यूटरों का बहुतायत से प्रयोग किया जाता है ।
4. प्रकाशीय कम्प्यूटर (Optical Computer) - कम्प्यूटरों के विकास क्रम में इस प्रकार के कम्प्यूटर बनाए जा रहे हैं जिनमें एक अवयव को दूसरे से जोड़ने का कार्य ऑप्टीकल फाइवर के वायरों से किया गया है एवं गणना अवयव की प्रकाशीय पद्धति पर बनाए गए हैं । विद्युतीय प्रवाह की गति 3 लाख किलो. प्रति सेकण्ड होती है, लेकिन इतनी गति से भी एक मीटर तक जाने में किसी भी विद्युतीय संकेत को तीन मेनो सेकण्ड का समय लगता है।
5 एटॉमिक कम्प्यूटर (Atomic Computer) - कार्नेगी विश्वविद्यालय में ऐसे परमाण्विक कम्प्यूटर पर खोज कार्य जारी है, जो कि किसी खास प्रोटीन परमाणुओं को एकीकृत परिपथ में बदल दे और कम्प्यूटर को इतनी अधिक स्मृति क्षमता प्रदान कर दे कि ऐसा कम्प्यूटर आज के कम्प्यूटरों से दस हजार गुनी क्षमता वाला हो जाए। बैक्टीरियो-हार्डोप्सिन नामक प्रोटीन में दस हजार गीगाबाइट के बराबर जानकारी को संगृहित किया जा सकता है और दस माइक्रो सेकण्ड की क्षमता से कार्य लिया जा सकता है ।
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